सम्पादकीय

09-02-2025 Posted by: सम्पादक (पिघलता हिमालय)

महाकुम्भ के अपने संकल्प हैं

प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुम्भ में अब तक 32 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। दुनिया के 192 देश ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 30 करोड़ से कम है। महाकुम्भ 26 पफरवरी तक चलेगा, अनुमान है कि 15 करोड़ के आसपास श्र(ालु और संगम पहुँच सकते हैं। आदि काल से महाकुम्भ की इस परम्परा के अपने संकल्प हैं। आस्थावान पुण्य की आश में मीलों पैदल चलकर कुम्भ आया करते थे। सन्त महात्माओं सहित सभी लोग अपनी आस्था के साथ इस यात्रा में शामिल होते रहे हैं। विज्ञान के चमत्कार के साथ जब संसाधन बढ़ चुके हैं लेकिन लगता है विज्ञान के बढ़ने पर ज्ञान कुन्द होता जा रहा है। अन्धभक्ति, असन्तुलन, अन्याय बढ़ने से संकल्प पूरे नहीं हो सकते। गोवर्धनमठ पुरी के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने ने सही कहा है- परम्परा प्राप्त शंकराचार्य होने चाहिए, जिनका कोई व्यक्ति ...

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सड़क चौड़ीकरण और सुन्दरीकरण के लिये उध्ेड़ा जा रहा है हल्द्वानी शहर

09-02-2025 Posted by: सम्पादक (पिघलता हिमालय)

हल्द्वानी शहर का फैलाव और जनसंख्या घनत्व के बोझ के बाद इसकी सड़कों को चौड़ा करने सहित तमाम कार्य तेजी से चल रहे हैं। इस बीच नगर निगम के चुनाव में भाजपा के गजराज सिंह बिष्ट मेयर के रूप में जनता के प्रतिनिधि बन चुके हैं। देखना होगा कि फैलते शहर में चल रही उधेड़-बुन कैसी होती है। क्योंकि नैनीताल रोड पर तोड़फोड़ के बाद अन्य जगह भी अतिक्रमण हटाये जा रहे हैं। गजराज पहले ही कह चुके हैं कि निगम में शामिल नये बार्डों को सुविधा सहित नगर सुन्दरीकरण की दिशा में कार्यों को गति दी जाएगी। हाँ, मेयर के सामने अतिक्रमण हटवाना चुनौती भी है। कालाढूंगी मार्ग सहित कई स्थानों पर फुटपाथ पर पक्का ...

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बागेश्वर में खड़िया खनन लटका, कोर्ट का झटका

09-02-2025 Posted by: सम्पादक (पिघलता हिमालय)

बागेश्वर। खड़िया खनन कारोबार लटकने के बाद हजारों मजदूर अपने घरों को लौट चुके हैं। रोजी-रोटी के सवाल पर जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट जाने का साहस किया उन्हें कोर्ट का झटका लगा है। बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने दस जनवरी को बागेश्वर में एक माह के लिए खड़िया खनन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से भी कारोबारियों को राहत नहीं मिल पाई। इस पूरे मामले में पुराने और परिपक्व कारोबारी सतर्क हैं और चल रही कार्रवाई की सराहना कर रहे हैं। उनका कहना है कि कारोबार उन्होंने भी किया लेकिन जिस प्रकार से एक सूत्रीय कार्यक्रम पहाड़ को खोदना है वह गलत है। ऐसा करने वालों के कारण सारे कारोबारी बदनाम होते हैं। यह भी चर्चा खूब होने लगी है कि खनन कार्य में इतनी ज्यादा अनुमति किसने दी, फाइलें सरकाने में सफेदपोश कितने आगे हैं, पहाड़ खोदने के लिये किन लोगों के स ...

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  • हिमालय संगीत एवं शोध समिति

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