कथाकार-पत्रकार स्व.आनन्द बल्लभ उप्रेती स्मृति समारोह में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले ‘आनन्दश्री’ सम्मान से सम्मानित होने वाले महानुभाव

पिघलता हिमालय द्वारा पत्रकारिता के साथ ही सांस्कृतिक अभियान चलाया गया। इसके लिये हिमालय संगीत शोध समिति द्वारा सांगीतिक अभियान भी प्रमुख हिस्सा रहा है। नियमित रूप से शोध् कार्य, पुस्तकों का प्रकाशन, परम्परागत होली समारोह इसका हिस्सा रहे हैं। ऐसे आयोजनों में सम्मान पाने वाले बाल, युवा, किशोर कलाकारों के अलावा समाजसेवी रहे हैं। होली के वृहद आयोजनों में ‘जुग-जुग जीवें मित्र हमारे’ की कामना के साथ होल्यारों को सम्मानित किया जाता रहा है। सन् 2013 आनन्द बल्लभ उप्रेती जी के निधन के बाद उनका अभियान जारी रखते हुए उनकी स्मृति में ही यह आयोजन होने लगे। जिसमें उनकी कृतियों को क्रमवार प्रकाशित किया गया। बाद में इसे अकादमिक रूप देते हुए शोधार्थियों, शिक्षकों, प्रोफेसरों के साथ सेमिनार का स्वरूप भी दिया गया ताकि पहाड़ की संस्कृति पर पत्राकारिता के साथ-साथ उन कार्यों को उजागर किया जा सके जो अपने समाज के लिये महत्वपूर्ण व नई पीढ़ी के को हस्तगत किये जा सकें। इसी क्रम में दानवीरागंना लला जसुली बूढ़ी शौक्याणी के समाज के प्रति किये गये उपकारों का स्मरण करते हुए उसे भी समाहित किया गया है। इस वृहद अभियान में बहुत लम्बी सूची समाज के उन लोगों की है जो पिघलता हिमालय से जुड़े रहे हैं। फिलहाल यहाँ पर सन् 2017 से समान पाने वाले महानुभावों की सूची दी जा रही है-

2017

प्रोफेसर आर.सी.पन्त (कुलपति कुविवि नैनीताल)
शिक्षाविद् डॉ.पन्त जी कुशल प्रशासक रहे हैं। इनके ज्ञान और ईमानदारी से कुमाऊँ विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं में सुधार हुआ।

श्रीमान मंगल सिंह मर्तोलिया (सामजिक कार्यकर्ता)
पिघलता हिमालय के वरिष्ठ सदस्य व मुनस्यार-जोहार क्षेत्र के अग्रणीय सामाजिक कार्यकर्ता मंगल सिंह जी अनगिनता संस्थाओं से जुड़े हैं और अपने साधनों में से तक उन्होंने शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिये काफी योगदान दिया है।

श्रीमान हरीश पन्त (वरिष्ठ पत्रकार)
श्री पन्त नैनीताल समाचार के सम्पादक मण्डल में हैं और मिशन की पत्रकारिता के लिये आजीवन संकल्पित रहने वालों में हैं।

श्रीमान जगमोहन रौतेला (वरिष्ठ पत्रकार)
देहरादून से निकलने वाली पत्रिका युगवाणी के विशेष प्रतिनिधि के अलावा स्वतंत्र पत्रकार के रूप में श्री रौतेला खरी-खरी लिखने-कहने वालों में से हैं।

2018

प्रोफेसर डी.के.नौरियाल (कुलपति कुविवि नैनीताल)
शिक्षाविद् डॉ.नौरियाल कुशल प्रशासक के अलावा तकनीकी जानकार के रूप में सक्रिय रहे हैं। उच्चशिक्षा को पटरी में लाने के लिये उनके सराहनीय प्रयास रहे।

प्रोफेसर अतुल जोशी (विभागाध्यक्ष वाणिज्य कुविवि नैनीताल)
शिक्षाविद् व जन आन्दोलनों से जुड़े डॉ. अतुल जोशी रामगढ़ में विश्वाभारती का परिसर बनवाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने वाले हैं।

श्रीमान गिरीश शर्मा (प्रख्यात चित्रकार)
प्रख्यात चित्रकार डॉ. गिरीश शर्मा विड़ला विद्या मन्दिर नैनीताल में कला विभाग में शिक्षक रहे हैं। आनन्द बल्लभ उप्रेती जी के साथ काफी संगत शर्मा जी रही और पिघलता हिमालय के लिये कई कार्टून इन्होंने बनाए।

डॉ. प्रयाग जोशी (लोक संस्कृति के अध्येता)
रायबरेली के सरकारी कालेज में शिक्षक रहे डॉ. जोशी जी लोकगाथाओं के गहन अध्येता हैं। उत्तराखण्ड की गाथाओं को लेकर किये गये कार्यों के अलावा यहाँ के इतिहास को लेकर गहरी जानकारी रखते हैं।

श्रीमान देवेन्द्र सिंह धर्मशक्तू (समाजसेवी)
सेवानिवृत्त आरएमओ श्रीमान धर्मशक्तू जी अग्रणीय समाजसेवी हैं। जोहार सांस्कृतिक वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सहित कई संस्थाओं के संरक्षक की भूमिका में आप रहे हैं।

डॉ. जयश्री भण्डारी (हिन्दी विभाग एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी)
शिक्षण व शोध कार्यों के साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़ी डॉ.भण्डारी की भूमिका समाज के लिये प्रेरणादायी है।

डॉ. आशा हर्बोला (हिन्दी विभाग एमबीपीजी कालेज हल्द्वानी)
शिक्षण व शोध कार्यों में संलग्न डॉ.हर्बोला रचनात्मक कार्यों में हमेशा अग्रणीय रही हैं।

श्रीमान राजीव पांडे (सम्पादक/पत्रकार)
हिन्दुस्तान समाचार पत्र के सम्पादक के अलावा श्री राजीव विवेकशील पत्रकार हैं जो जनपक्षीय मामलों को उठाते हैं।

श्रीमान शैलेन्द्र नेगी (पत्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया)
समाज के ज्वलंत मुद्दों को उठाने के अलावा अपनी संस्कृति के लिए शैलेन्द्र हमेशा सजग रहे हैं।

श्रीमान चन्द्रशेखर जोशी (वरिष्ठ पत्रकार व लेखक)
विज्ञान विषय के मेधावी और लेखन में प्रवीण जोशी जी उत्तर उजाला सह सम्पादक के अलावा सुलगते सवालों के साथ सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहे हैं।

2019

प्रोफेसर बी.सी.मेलकानी (निदेशक उच्चशिक्षा उत्तराखण्ड)
आपकी सरलता, व्यवहारिकता, दूरदृष्टि, तकनीकी कौशल, प्रबन्धन का लाभ उच्चशिक्षा को मिला है।

प्रोफेसर अजय रावत (विभागाध्यक्ष इतिहास कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल)
इतिहासकार डा. रावत गहन अध्येता के अलावा पर्यावरणीय मामलों के जानकार हैं और सामाजिक मुद्दों पर सतर्क रहे हैं।

श्रीमान फली सिंह दताल (समाजसेवी)
जसुली बूढ़ी शौक्याणी के बंशज व वरिष्ठ समाजसेवी श्री दताल जी के सामाजिक योगदान व अपनी परम्परा के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

श्रीमान भगवान सिंह गंगोला (वरिष्ठ पत्रकार)
सोशल इंजीनियरिंग व पत्रकारिता के लिये श्री गंगोला जाने जाते हैं। अपनी व्यवहार कुशलता के साथ उत्तर उजाला में सह सम्पादक के रूप में लम्बी सेवा के अलावा पत्रकारों की आवाज उठाते रहे हैं।

श्रीमान मदन सिंह बिष्ट (जड़ीबूटियों के जानकार)
श्रीमान बिष्ट वनाधिकारी के रूप में सेवारत होने के साथ ही आम जन को वृक्षों के प्रति जागरुक करते रहे हैं। इन्होंने हल्द्वानी में एक बाटिका विकसित करने के साथ ही कासनी नामक पौध की कैंसर रोग में उपयोगिता बताते हुए इसे वितरित किया है।

श्रीमान कैलाश पाठक (पत्रकार)
मूल रूप से गंगोलीहाट पाठक जी रंगकर्मी के रूप में भी चर्चित हैं। पहाड़ में पत्रकारिता के बाद भाबर में अपनी रचनात्मक गतिविधियों के साथ सक्रिय हैं।

श्रीमान दीप भट्ट (पत्रकार)
पत्रकारिता में भी सिने जगत के मामलों के जानकार भट्ट जी जन सरोकारों से जुड़े रहे हैं।

प्रोफेसर एस.डी. तिवारी (शिक्षाविद् व समाजसेवी)
इन्दिरा प्रियदर्शिनी राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रभारी रहे डा. तिवारी का जितना जुनून अपने विद्यार्थियों के साथ पठन-पाठन को लेकर रहा है, उतना ही समाजसेवा को लेकर भी। राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्ययोजना बनाने, शिविर संचालन के अलावा तमाम प्रकार के समाज सुधार कार्यक्रमों से आप जुड़े रहे हैं।

श्रीमान गणेश जोशी (युवा पत्रकार)
पत्रकारिता के अलावा हमेशा सीखने-पढ़ने की ललक गणेश जोशी में रही है, जो गुणी पत्रकार की पहचान है। ज्वलन्त मुद्दों को आप धार देते रहे हैं।

2020

प्रोफेसर बी.एस.बिष्ट, राज्यमंत्री (उच्चशिक्षा उन्नयन समिति उत्तराखण्ड)
आपकी दूरदृष्टि, तकनीकी कौशल, प्रबन्ध से उच्चशिक्षा से प्रदेश की उच्चशिक्षा को लाभ मिला है।

प्रोफेसर बी.एल.साह (निदेशक यूजीसी एचआरडीसी कुविवि नैनीताल)
शोध कार्यों को बढ़ावा देने के अलावा शिक्षा के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान रहा है।

श्रीमान बचीसिंह बिष्ट (सामाजिक कार्यकर्ता)
रामगढ़ फलपट्टी में बहुत ही मेहनत के साथ खेती-किसानी, जल संरक्षण, स्वरोजगार को बढ़ावा देने के अलावा सामाजिक गतिविधियों में अग्रणीय हैं।

श्रीमान भूपेश पांगती (रंगकर्मी)
श्री पांगती जी शौका परम्पराओं को बहुत ही ईमानदारी के साथ प्रस्तुत करते रहे हैं। अपनी बात-व्यवहार से वह सबके प्रिय हैं।

सुश्री सावित्री दुग्ताल (शिक्षाविद्)
बालिका इण्टर कालेज नैनीताल में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हो चुकी सावित्री जी राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने के अलावा कई राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित रही हैं।

डॉ. ओंकार कोष्ठा (शिक्षाविद्, ज्योतिषाचार्य)
पालिटेक्निक सितारगंज के सेवानिवृत्त प्राचार्य कोष्ठा जी मूल रूप से कानपुर, यूपी के रहने वाले हैं लेकिन उनकी लम्बी सेवा उत्तराखण्ड में रही। वह बहुत ही अनुशासित प्रशासक की भूमिका में रहे। साथ ही संस्कृत, ज्योतिष के प्रकाण्ड हैं।

श्रीमान ओ.पी.पाण्डे (पत्रकार)
छात्र जीवन से जन सरोकारों की लड़ाई लड़ने वाले पाण्डे जी ने पत्रकारिता के माध्यम से प्रिंट व सोशल मीडिया से सक्रियता बनाए रखी है।

श्रीमान दीपक सती (पत्रकार)
युवा पत्राकार के रूप में आप सामाजिक कार्यों को उजागर करते रहे हैं।

श्रीमान गणेश पाण्डे (युवा पत्रकार)
मूल रूप से दन्या क्षेत्र के पाण्डे जी अपनी पर्वतीय परम्परा के पहरेदार के अलावा सुलझे हुए युवा पत्रकार हैं।

2021

श्रीमान ललितमोहन रयाल (लेखक और प्रशासक)
अपनी अद्वितीय लेखनी के अलावा विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहते हुए जनप्रिय रहे हैं।

सुश्री सुमन कुटियाल (युवा पर्वतारोही)
युवा पर्वतारोही सुमन ने एवरेस्ट विजेता बनकर महिलाओं का मान बढ़ाया है।

श्रीमान प्रमोद साह (लेखक और पुलिस अधिकारी)
पुलिस विभाग रहते हुए सरकारी सेवा के अलावा अपने लेखन से समाज में जनजागृति लाने का कार्य करते रहे हैं।

डा. नगेन्द्र शर्मा (विभागाध्यक्ष क्रीड़ा कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल)
खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये हमेशा सक्रिय रहे हैं।

श्रीमान शालू सिंह (सीमान्त के फोटोग्राफर)
विषम स्थितियों में भी इकलौते फोटोग्रापफर के रूप में वर्षों से सक्रिय रहे शालू सिंह जी धारचूला के अग्रणीय समाजसेवी हैं।

डा. गोपाल सिंह गौनिया (शोधछात्र)
शिक्षण व शोध कार्य से जुड़े गौनिया जी लगातार सामाजिक मुद्दों को धार देते रहे हैं।

2022

प्रोफेसर गिरीश चन्द्र पन्त (पी.एन.जी. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर)
शिक्षण-प्रशिक्षण के अलावा शोध कार्यों से उच्चशिक्षा के विकास में अमूल्य योगादान मिला है

श्रीमान अनिल घिल्डियाल (गीत एवं नाट्य प्रभाग नैनीताल)
आप वरिष्ठ रंगकर्मी होने के नाते समाज को अपना योगदान देते रहे हैं। गीत-नाट्य प्रस्तुतियों के अलावा नाट्य मंचन में निर्देशन की भूमिका अनुकरणीय है।

डॉ. ललित जोशी (पत्रकारिता विभाग एसएसजे विश्वविद्यालय अल्मोड़ा)
युवा लेखक व घुमक्कड़ ललित निरन्तर शोध् कार्य व रचनात्मक कार्यों से जुड़े हैं।

श्रीमान नारायण सिंह दुग्ताल (संस्कृतकर्मी)
दारमा घाटी की माटी से उपजे दुग्ताल जी अपनी लोकसंस्कृति को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।

श्रीमती पुष्पा ग्वाल दुग्ताल (लोक गायक व लेखक)
संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिये रं बोली/भाषा में गीत-भजन रचना करने के साथ ही आप उनका गायन करने में प्रवीण हैं।

श्रीमान गोविन्द सनवाल (युवा पत्रकार)
पत्रकारिता की सुघड़ धारा से जुड़कर समाज सुधार में योगदान दे रहे हैं।

श्रीमान दिनेश पाण्डे (पत्रकार)
पत्रकारिता के क्षेत्रा में निरन्तर पहाड़ की आवाज को उठाते रहे हैं।

2023

प्रोफेसर एन.एस.बनकोटी (प्राचार्य मोतीराम बाबूराम राजकीय महाविद्यालय)
की दूरदृष्टि, तकनीकी कौशल, प्रबन्ध से उच्चशिक्षा के विकास में अमूल्य योगादान मिला है

श्रीमान रणजीत सिंह रावत (अध्ीक्षण अभियन्ता लोनिवि देहरादून)
सीमान्त क्षेत्र की आवोहवा से होते, ग्राम तेजम मुनस्यारी की गोद में पले बढ़े। आपकी दूरदृष्टि, तकनीकी कौशल, प्रबन्ध से प्रदेश समाज के विकास में अमूल्य योगदान मिला है।

श्रीमान कर्ण सिंह गुंज्याल (वरिष्ठ समाजसेवी)
रं कल्याण संस्था बरेली के महासचिव व रं समाज की परम्परागत पगड़ी पहनाने में आपकी प्रवीणता जग जाहिर है।

श्रीमान कमलजीत सिंह ढकरियाल (युवा संगीतकार, रंगकर्मी)
तीन दशकों से रं, कुमाउंनी और फिल्मी गीतों के माध्यम से लोक रंजन व सामाजिक समरसता में आपका अमूल्य योगदान है

श्रीमान डबला सिंह फिरमाल (वरिष्ठ लोक संगीतकार)
आपकी लोक संस्कृति को सांगीतिक अभियान द्वारा गतिमान रखने में आपका योगदान है।

इंजी. फल सिंह बोनाल (सेवानिवृत्त महाप्रबन्धक दूरसंचार विभाग)
सीमान्त क्षेत्र दारमा घाटी के प्रथम इंजीनियर, गणित के मेधावी की मान्यता रखने वाले अग्रीण समाजसेवी हैं।

श्रीमान नवीन सिंह गर्ब्याल (वरिष्ठ समाजसेवी एवं रंगकर्मी)
रं कल्याण संस्था के भूतपूर्व महासचिव व अपनी संस्कृति के अग्रणीय संरक्षक हैं। पर्वतीय छोलिया नृत्य में आपका अमूल्य योगदान है।

श्रीमती ईश्वरी ग्वाल रौंकली (लोक कलाकार)
एक लोक कलाकार के रूप में अपनी संस्कृति को सांगीतिक अभियान के रूप में आगे बढ़ाने में आपका योगदान है।

श्रीमान नवीन बगौली (वरिष्ठ पत्रकार व लेखक)
आपकी लेखनी द्वारा समाजोद्धार व रचनात्मकता के क्षेत्र में आपका अमूल्य योगदान है।

श्रीमान गणेश पाठक (वरिष्ठ पत्रकार व लेखक)
आपकी लेखनी द्वारा समाजोद्धार व रचनात्मकता के क्षेत्र में आपका अमूल्य योगदान है।

श्रीमान सुरेन्द्र नेगी (वरिष्ठ पत्रकार व लेखक)
आपकी लेखनी द्वारा समाजोद्धार व रचनात्मकता के क्षेत्र में आपका अमूल्य योगदान है।

श्रीमान हरीश पाण्डे (युवा पत्रकार व लेखक)
आपकी लेखनी द्वारा समाजोद्धार व रचनात्मकता के क्षेत्र में आपका अमूल्य योगदान है।

2024

श्रीमान लक्ष्मण सिंह डांगी (अध्यक्ष भूतपूर्व सैनिक वैलफियर सोसाइटी बेरीनाग)महाविद्यालय)
इनके द्वारा विगत 6 वर्षों से जसुली अमा की प्राचीन धर्मशाला की देखरेख और उसे अतिक्रमण से बचाया गया है।य योगादान मिला है

श्रीमान राम सिंह सोनाल (आॅर्गनिक खेती को बढ़ावा देने में अग्रणीय) देहरादून)
एक उच्च पद से सेवानिवृत्त सोनाल जी विगत 5 वर्षों से हिमालय समुद्र तल से 10500 फिट उंचाई में आॅर्गनिक कुटू की खेती कर रहे हैं।

श्रीमान जीवन सिंह सीपाल (संस्कृति और दार्शनिक विषय में रत)
श्री सीपाल जी रं कल्याण संस्था केन्द्रीय कार्यालय के सांस्कृतिक सचिव है। जो हमेशा से अपनी संस्कृति और दार्शनिक विषय पर जोर देते हैं।

श्रीमान चन्द्र सिंह सीपाल (ऐतिहासिक फोटो संकलक)
चन्द्र सिंह जी अपने क्षेत्र के समाज के दर्शनीय स्थलों व सार्वजनिक स्थलों पर नशाबन्दी प्रचार-प्रसार में संलग्न रहने के अलावा ऐतिहासिक फोटो संकलक के रूप में चर्चित हैं।

प्रोफेसर चन्द्र दत्त सूंठा (निदेशक, उच्चशिक्षा उत्तराखण्ड)
डाॅ. सी.डी.सूठा उत्तराखण्ड उच्चशिक्षा के बहुत ही अनुभवी अधिकारियों में से हैं, जिन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों में अपनी सेवा के साथ ही युवाओं को आगे बढ़ाने के लिये अभिवन प्रयोग किये।

प्रोफेसर दीपा गोबाड़ी (एम.बी.पी.जी.कालेज हल्द्वानी)
आपकी सरलता, व्यवहारिकता, अपनी दुदबोली के लिये लगातार किये जा रहे प्रयास का लाभ समाज को मिला है।

श्रीमान चन्दन बंगारी (वरिष्ठ पत्रकार)
श्रीमान बंगारी जी रुद्रपुर में अमर उजाला के प्रभारी हैं। आप शुरु से ही जनपक्षीय पत्रकारिता के अलावा सामाजिक कार्यों में संलग्न रहे हैं।

श्रीमान संदीप मेवाड़ी (पत्रकार)
श्री संदीप जी पत्रकारिता के अलावा अपनी सामाजिक गतिविधियों के कारण लोकप्रिय हैं।

श्रीमान मोहन भट्ट (पत्रकार)
अपनी रचनात्मक गतिविधियों के साथ पत्रकारिता में नित नये प्रयोग के साथ आप सक्रिय हैं।

श्रीमान विनोद काण्डपाल (पत्रकार)
इलेक्ट्रानिक मीडिया में बेहद सक्रिय पत्रकार विनोद जी हमेशा सामाजिक मुद्दों को उठाते रहे हैं और जनता की आवाज को वरीयता देते रहे हैं।

श्रीमान सुरेन्द्र नेगी (वरिष्ठ पत्रकार व लेखक)
आपकी लेखनी द्वारा समाजोद्धार व रचनात्मकता के क्षेत्र में आपका अमूल्य योगदान है।

श्रीमान भूपेन्द्र रावत (पत्रकार)
इलेक्ट्रानिक मीडिया में बेहद सक्रिय पत्रकार भूपेन्द्र जी हमेशा जन सरोकारों से जुड़े हैं और अपनी व्यवहारिकता से लोगों के बीच जाने जाते हैं।

हिमालय संगीत एवं शोध समिति

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